सोमवार, 2 मार्च 2015

राव जोधा जी

राव जोधा जी का जन्म २८ मार्च , १४१६ , तदनुसार
भादवा बदी 8 सं. 1472 में हुआ था | इनके पिता राव
रणमल मारवाड़ के शासक थे। इन्हें जोधपुर शहर
की स्थापना के लिए जाना जाता है। इन्होंने ही जोधपु्र
का मेहरानगढ़ दुर्ग बनवाया था।
इतिहास
मेवाड़ का शासन कार्य भी इनकी सहमति से
चलता था अतः मेवाड़ के कुछ सरदार इनसे अप्रसन थे
और इन्होने मेवाड़ नरेश महाराणा कुम्भा व
उनकी माता सोभाग्य देवी को राव रिदमल जी के विरुध
बहका दिया |

वि.सं. 1495 में एक साजिश के तहत
गहरी निंद में सोये राव रिदमल को मर डाला गया व रावत
चुडा लाखावत सिसोदिये के नेत्रत्व में मेवाड़
की सेना मंडोर पर आक्रमण कर मारवाड़ राज्य पर
अधिकार जमा लिया |अपने पिता के निधन के साथ
ही राव जोधा का पेतर्क राज्य भी हाथ से निकल गया,
लेकिन राव जोधा ने यह
कभी नहीं भुला की धरती वीरों की वधु होती है और युद्ध
क्षत्रिय का व्यवसाय|

वसुन्धरा वीरा रि वधु , वीर तीको ही बिन्द |
रण खेती राजपूत रि , वीर न भूले बाल ||

वीर साहसी व पराक्रमी राव जोधा ने मारवाड़ राज्य
को पुनः विजय करने हेतु निरंतर संघर्ष जरी रखा और
अंत में अपने भाईयों के सक्रिए सहयोग से
मंडोर ,कोसना व चौकड़ी पर विजय ध्वज लहराकर
मारवाड़ में पुनः राठौर राज्य वि.सं. 1510 स्थापित
कर अपने पैत्रिक राज्य को मेवाड़ से मुक्त कर लिया |

इस विजय के बाद राव जोधा व उनके भाईयों ने
सोजत,पाली,खैरवा,नाडोल, नारलोई आदि पर हमला कर
जीत लिया | राव जोधा ने अपने भाईयों व पुत्रों के
सहयोग से अपने राज्य को मंडोर, मेड़ता
,फलोदी, पोकरण ,भाद्रजुन, सोजत, पाली
,सिवाना,साम्भर, अजमेर ,नागौर ,डीडवाना तक बड़ा कर
एक विशाल राठौर राज्य स्थापित कर दिया | इनके वीर
पुत्रों में दुदोजी ने मेड़ता,बिकाजी ने जाग्लुदेश
(बीकानेर)व बिदाजी ने छापर विजय कर अलग अलग
स्व्तांतर राठोड़ राज्यों की स्थापना की |मंडोर
को असुरक्षित समझ कर जेस्ठ शुक्ला 11 शनिवार
वि.सं. 1515 में राव जोधा ने जोधपुर के किले
मेहरानगढ़की नीवं दल कर जोधपुर नगर बसाया |

राव
जोधा जी ने अपने राज्य का शासन सुव्यवस्थित चलाने
हेतु राज्य के अलग अलग भाग अपने भाईयों व
पुत्रों को बाँट दिया.वि.सं. 1545 में राव
जोधा जी का निधन हुआ |

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